झाबुआ(सुनील डाबी )झाबुआ जिले की जनपद पंचायत मेघनगर की पंचायतो में वन परिक्षेत्र में नियम कानून को ताक में रखकर अतिरिक्त पैसा कमाने की फिराक में वन कर्मचारियों एवं अधिकारियों द्वारा क्षेत्र के आदिवासी समुदाय के गरीब मजदूरों को रोजगार देने के बजाये मनरेगा के तहत बनाये जा रहे लाखो रुपये के तालाबो में जेसीबी मशीनो से कार्य कराया जा रहा है ताकि समय से पहले निर्माण कार्य करा कर फर्जी मजदूरों का देयक भुगतान बनाकर भ्रष्टाचार को अंजाम देकर लाखो रुपयों का बंदरबांट किया जा सके कार्य स्थल पर निर्माण कार्य से संबधित सूचना बोर्ड नहीं लगा है न कार्य का नाम है न ही किस मद से स्वीकृत हुआ है न ही स्वीकृत राशि से संबधित सूचना फलक है जबकि कही कही तो पंचायत भी निर्माण एजेंसी बनकर तालाब खुदाई का काम करवा रही है और काम कर के राशी आहरण करने में लगे हुवे है मगर यहाँ भी मजदूरो को रोजगार नही देने की बजाय जेसीबी से कार्य करवा कर जादू की छड़ी घुमाई जा रही है वन परिक्षेत्र वनो एंव वन्यजीवों के बचाव के लिए नहीं बल्कि वन अफसरों के एशोआराम के लिए है। इस वन परिक्षेत्र के बजट से अफसरों की जेब गर्म होती है। यहाँ भ्रष्टाचार चरमसीमा पर है । वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में टूटी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ग्रामीणों को रोजगार देने की जरुरत है लेकिन विभाग मजदूरों से काम न कराकर जेसीबी मशीन से काम करा रहा है तालाब निर्माण में भारी अनियमितता कर सब ठीक है का दावा कर रहे है फॉरेस्ट विभाग के रेंजर व बीट वन अधिकारी।
*फारेस्ट के वनभूमि क्षेत्र में लाखो रुपए की लागत से निस्तार तालाब का निर्माण जेसीबी करवाया जा रहा*
फारेस्ट के वनभूमि क्षेत्र में लाखो रुपए की लागत से निस्तार तालाब का निर्माण वन विभाग एजेंसी द्वारा करवाया जा रहा है। लेकिन तालाब में मजदूरों की जगह जेसीबी से कार्य किया जा रहा है। वन विभाग द्वारा पूर्व में भी कई निस्तार तालाबों को जेसीबी से बनाया गया था।जिसकी शिकायत अधिकारियों तक भी पहुंची थी लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। हम बात कर रहे झाबुआ जिले के मेघनगर की कई पंचायतो की यहाँ अभी बने और बन रहे निस्तार तालाब जेसीबी मशीनों से बनवाये गये तो अभी भी कई पंचायतो में तालाबो में जेसीबी से कार्य करवाया जा रहा जब कि रोजगार गारंटी में बन रहे लाखो रुपये के तालाबो में मजदूरों से कार्य करवाने का प्रावधान हैं लेकिन मजदूरों की जगह मशनो से तालाब निर्माण का कार्य कर रोजगार गारंटी की धज्जियां उड़ा रहे हैं। पंचायतो के वन के बिट में बने व बन रहे लाखो रुपये के तालाबो की देख रेख खुद उसी पंचायत का इंजीनियरिंग व बीट वन अधिकारी और फॉरेस्ट रेंजर ऑफिसर कर रहे हैं
मामले में जब डीएफओ झाबुआ से दूरभाष पर चर्चा की गई तो उन्होंने कहा की मुझे पूरी जानकारी नहीं है। यदि मशीनों से कार्य किया जा रहा है तो गलत है। और अगर ऐसा है तो निर्माण कार्य की स्वीकृति निरस्त कर कार्रवाई की जायेगी
*डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर ठाकुर*