संथारा साधक हंसमुख लाल वागरेचा को सभी संस्थाओं द्वारा समाज रत्न से किया अलंकृत

झाबुआ (सुनील डाबी ) समाजसेवी संथारा साधक हंँसमुखलाल वागरेचा को धर्मदास गण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनीत वागरेचा, जैन कॉन्फ्रेंस न्यू दिल्ली के प्रांतीय अध्यक्ष महेश डाकोनिया, निमाड संघ प्रमुख प्रदीप रूनवाल, धर्मदास युवा संगठन राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज मुणत, चंदना श्राविका संगठन प्रमुख हर्ष रूनवाल ,जिन शासन गौरव पत्रिका संपादक मिलिद कोठारी, मालव गौरव शैलेश पीपाड़ा, वैश्य महासम्मेलन के प्रांतीय प्रमुख विनोद बाफना, निमाड गौरव शिखरचंद गुजरात लिमड़ी संघ प्रमुख महेंद्र कर्नावट, धर्मदासगढ़ परिषद राष्ट्रीय महामंत्री राजेंद्र गादिया सहित संघ प्रमुखों ने धर्मनिष्ट संथारा श्रावक को समाजरत्न की पदवी से अलंकृत किया । सभी ने संथारा श्रावक की धर्म पत्नी तप चक्रेश्वरी श्रीमती स्नेहलता वागरेचा को पत्र प्रदान किया

गुणानुवाद सभा को धर्मदास गण स्वाध्याय संघ के प्रमुख भरत जी भंसाली ने सभा में विशेष जोर देकर कहा कि आज मेघनगर के इतने बड़े-बड़े आराधना भवन बने हुए हैं उनमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका सुश्रावक हंसमुख लाल जी बागरेचा परिवार की ही थी । एवं 10 साल तक संघ के संघपती बनकर धर्म मित्र की सुविधा हेतु वीर भवन निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका रही। नंद गुरु का तीर्थ बनाकर नंदाचार्य साहित्य समिति के रूप में विशाल अणुगुरु के नाम का स्वाध्याय का धाम बनाया। गणनायक जिनेंद्र गुरु का चौमासा संघपति बनकर ऐसा करवाया कि उस चातुर्मास को इतिहास रचकर वर्षों भुलाया नहीं जाएगा। पिछले वर्ष संयत मुनि के दरबार में लगाया सिद्धि तप का मेला जो की स्थानकवासी परंपरा के इतिहास में एक साथ 87 सिद्धि तप होने का रिकॉर्ड मेघनगर श्री संघ एवं संयत गुरु के निश्रय में बनवाया। प्रत्याख्यान के वे बड़े आराधक थे। कुछ ना कुछ प्रत्याख्यान प्रतिदिन चलते ही रहते थे। उभय कल एवं सायं काल करते थे वे नियमित प्रतिक्रमण एवं रात्रि में संवर करना तो उनका जीवन का बहुत बड़ा शौक (हॉबी) हो गया था। इतनी बड़ी बीमारी होने के बावजूद उन्हें जो वेदना होती थी वह बड़े समभाव से सहन करते थे । कभी भी उन्होंने हाय हाय नहीं किया उसका परिणाम उन्होंने एक ही झटके में छोड़ दिया दौलत ,परिवार, चारों आहार का त्याग कर, पापों को विश्राम कर गणनायक प्रवर्तक पूज्य श्री जिनेंद्र मुनि जी ,तत्वज्ञ पूज्य श्री धर्मेंद्र मुनि जी, सेवा भावी पूज्या श्री निखिल शीला जी महाराज साहब आदि के निश्राय में जैन धर्म की सबसे उत्कृष्ट आराधना अंतिम मनोरथ संथारा संलेखना ग्रहण किया। सभी जीवों से खमाकर उत्कृष्ट आराधना सचेत रहते हुए पूरी जागृति में बन गए हंसमुख धाम । बन गए देवों के ताज। 

गुणानुवाद सभा को संबोधित करते हुए स्थानकवासी जैन समाज वरिष्ठ सदस्य यशवंत बाफना, त्रिस्तुति संघ उपाध्यक्ष विमल जैन ,झाबुआ संघ अध्यक्ष प्रदीप रूनवाल, धर्मदास गण परिषद राष्ट्रीय अध्यक्ष विनीत वागरेचा ,जैन कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष महेश डाकोनिया, थांदला श्री संघ भरत भंसाली, भाजपा पूर्व जिला अध्यक्ष प्रवीण सुराणा, इंदौर श्री संघ कनकमल बाठिया, युवा संघ अध्यक्ष अशोक छाजेड़ ,हर्ष रूनवाल, निमाड गौरव शिखर चंद छाजेड़, सैलाना संघ प्रमुख कांतिलाल संघवी सहित निलेश वागरेचा ,शुभ वागरेचा आदि वक्ताओं ने हंसमुख भाई के व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला । कार्यक्रम में 80 से अधिक संघो एवं स्थानीय संस्थाओं को उपयोग हेतु उत्कृष्ट दान राशि दी गई एवं झाबुआ जिले का छोटा सा कस्बा मेघनगर एवं कल्याणपुरा के बीच का भगोर गांव में एक हसमुखलाल बागरेचा सभा भवन का निर्माण किया जा रहा है जिसका भगोर वासियो को धार्मिक एवं सामाजिक कार्य हेतु वागरेचा परिवार द्वारा उन्हें निशुल्क उपयोग हेतु दिया जाएगा। अगराल एवं रंभापुर के स्थानक के मेंटेनेंस हेतु उचित राशि दान स्वरूप दी गई। साथ ही आसपास के शहर कीर्ति नगर टांडा, अगराल के साधार्मिक भाइयों का साधु संत की सुंदर वेयावच्च अहो भाव से करते हैं उन सभी का भी बहुमान बागरेचा परिवार द्वारा किया गया । इस सभा में क्षेत्र के विधायक श्री वीर सिंह भूरिया ने भी गुणानुवाद सभा में भावांजलि दी ।

 कार्यक्रम में पौत्र पौत्री जय ,दिशा, शुभ, सिद्धी, श्रुति, सजल, कुमकुम आदि ने गीत की प्रस्तुति दी। 

कार्यक्रम का संचालन हंसमुख गोलेचा (नागपुर) ने किया। कार्यक्रम पश्चात स्वामी वात्सल्य संपन्न हुआ। 

        आभार पंकज वागरेचा व मांगीलाल वागरेचा ने व्यक्त किया।

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